PATIENTS STORIES
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मरीजों के अनुभव (PATIENTS STORIES)
बेबी ऑफ ज्योति चड़ार, यह एक अत्यधिक प्रीमेच्युर एवं काफी कम वजन (25weeks /725g) का बच्चा है जिसका इलाज करने में सारे अस्पतालों ने उसके कम समय और कम वजन के कारण अपनी असमर्थता प्रकट कर दी थी।
इसका इलाज नियो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत पूर्णतः निःशुल्क किया गया। इसके इलाज के दौरान बीच में ही मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान योजना बंद करने के बाद भी नियो अस्पताल के डॉक्टर एवं प्रशासन ने अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी के तहत इसका निःशुल्क इलाज जारी रखा।
आज यह बच्चा 74 दिन का हो गया है एवं पूर्णतः ठीक है। अब इसका वजन 2400 ग्राम है और इसने सीधा अपनी माँ के आँचल से दूध पीना शुरू कर दिया है। अब यह नियो अस्पताल से अपने घर जाने के लिए तैयार है।
चूंकि नियो हॉस्पिटल ज्यादा बीमार एवं काफी प्रीमेच्युर और बहुत कम वजन के बच्चों के इलाज में काफी निपुण है, अतः यह बच्चा प्रीमेच्युर बच्चों में होने वाली समस्याएँ जैसे दिमाग के विकास का अवरुद्ध होना (CEREBRAL PALSY, IVH/PVL), आंखों की धमनियों का विकास रुकना (ROP), आदि से रहित है और भविष्य में इसका विकास पूरे समय के बच्चों जैसा ही रहने की पूरी संभावना है।
इस तरह के कई (250 से ज्यादा) काफी बीमार एवं बहुत कम वजन के प्रीमेच्युर बच्चे नियो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में पिछले कुछ महीनो के दौरान ठीक होकर जा चुके है।
यह बच्चा जन्म के तुरंत बाद नियो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में प्रीमेच्युरिटी, बहुत कम वजन, एवं सांस की तकलीफ (29 weeks/1410g/RDS) के कारण रिफ़र किया गया था। सांस की तकलीफ के कारण बच्चे को तुरंत सांस की मशीन (Ventilator Therapy) की सहायता दी गई। बच्चे को फेफड़ों (Lungs) की अपरिपक्वता (Immaturity) के कारण सरफेक्टेंट थेरेपी दी है। बच्चा सात दिन तक सांस की मशीन पर रहा (Non-Invasive Ventilator Therapy/ nSIMV)।
प्रीमेच्युरिटी और कम वजन के कारण बच्चे का 43 दिन तक NICU में इलाज किया गया। छुट्टी के पहले का बच्चे का दिमाग का अल्ट्रासाउंड एवं आँखों की जांच की गई जो की सामान्य पायी गई। इसका इलाज नियो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत पूर्णतः निःशुल्क किया गया। स्वस्थ बच्चे की छुट्टी और उसके बाद की माँ की मुस्कराहट और परिवार की खुशी ही हमारा अंतिम लक्ष्य है।
यह इस शिशु की जन्म के नौवे दिन एवं आठ महीने की उम्र की तस्वीर हैं। इस काफी कम वजन (945g) के प्रीमेच्युर (27-28 हफ्ते) शिशु को जन्म के तीसरे दिन शहर के अन्य हॉस्पिटल से काफी बीमार एवं शरीर के कई अंगो के काम ना करने की अवस्था और सारे शरीर में सूजन के साथ (Premature, ELBW, Severe Sepsis, Acute Kidney Injury, Severe Thrombocytopenia, Encephalopathy, Septic Shock, suspected NEC, PPHN, Anasarca, etc.) नियो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था।
भर्ती के कुछ ही समय में बेडसाइड ईकोकार्डियोग्राफी एवं कलर डोपप्लर, दिमाग एवं शरीर की सोनोग्राफी, बेडसाइड आर्टेरियल ब्लड गैस विश्लेषण, डिजिटल एक्स-रे, सेप्टिक स्क्रीन, आदि जाँचो के साथ बीमारी की गहराई में जाकर तुरंत सही दवाएं शुरू करने एवं अत्याधुनिक मशीनों के उपयोग के कारण नियो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले इस तरह के बहुत बीमार और प्रीमेच्युर शिशु भी ज़्यादातर ठीक होकर ही घर जाते हैं। यहाँ पर हमेशा यह कोशिश की जाती है की ऐसी दवाएं जिनसे बच्चे को नुकसान हो सकता है एवं ब्लड प्रोडक्टस का अनावश्यक उपयोग ना किया जाए।
स्वस्थ बच्चा और उनके परिवार की मुस्कराहट ही हमारा सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
यह नवजात शिशु जन्म के तुरंत बाद ही बहुत काम वजन (1450g) एवं प्रीमेच्युरिटी (30 हफ्ते) के कारण नियो हॉस्पिटल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती हुआ था।
शिशु की बेडसाइड ईकोकार्डियोग्राफी एवं कलर डोपप्लर, दिमाग एवं शरीर की सोनोग्राफी, बेडसाइड आर्टेरियल ब्लड गैस विश्लेषण, आदि जांच करने के बाद उसे तुरंत ही नली की सहायता से पूरा दूध पिलाना शुरू कर दिया गया। इस शिशु को किसी भी प्रकार की ही एंटीबायोटिक दवाओं या आइ.वी. फ्लुइड का उपयोग नहीं किया गया। कुछ हफ्ते की गहन निगरानी, शिशु की आवश्यक जरूरतों का ध्यान, एवं NICU केयर के बाद शिशु के उचित वजन की प्राप्ति पर पूर्णतः स्वस्थ अवस्था में उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई।
अधिकतर बार नियो हॉस्पिटल में डॉक्टर एवं स्टाफ की कोशिश होती है की बच्चे को कम-से-कम दवाओं के साथ ही ठीक किया जाये। पहले दिन से ही इतने छोटे शिशु को भी पूरा दूध पिलाना शुरू करने एवं एंटीबायोटिक दवाओं या आइ.वी. फ्लुइड अनावश्यक उपयोग ना करने से इन शिशुओं को अस्पतालों से होने वाले संक्रमणों का खतरा काफी काम हो जाता एवं जल्दी से पूर्णतः स्वस्थ होने की संभावना बड़ जाती है।
जन्म के तुरंत बाद ही भर्ती होने वाले ज़्यादातर शिशु हमारे हॉस्पिटल से इसी तरह कम-से-कम दवाओं के साथ ही पूर्णतः स्वस्थ होकर अपने घर वापस जाते हैं।