यदि बच्चे को चमड़ी पर कट / छिल गया है और खून बह रहा है --
क्या करें? चोट को साफ पानी से धोएँ और धूल और गंदगी साफ कर ले। उसके बाद घाव को साफ करने एवं ढकने के लिए बीटाडाइन का उपयोग करें। यदि खून बह रहा हो तो साफ बेनडेज़ से दबा के रखें। दर्द निवारण के लिए पेरासीटामॉल दवा का उपयोग करें।
क्या ना करें? घबराएँ नहीं, गोबर या अन्य घर के नुसके ना अपनाएं, घाव के बहते खून को पीने की कोशिश ना करें, घाव पर ज्यादा चिपचिपी बेनडेज़ न लगाएँ।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? यदि खून ज्यादा बह रहा है, घाव बड़ा है, घाव में गंदगी या बाहरी तत्व दिख रहे हैं, आदि होने पर तुरंत डॉक्टर से कन्सल्ट करें। टेटनस का टीका यदि नहीं लगा है तो वह अवश्य लगवाएँ।
यदि बच्चा गर्म पानी से जल गया है, मै क्या करूँ?
सभी प्रकार के जलने की दुर्घटनाओं का जल्दी-से-जल्दी उपचार करवाना उचित होता है।
क्या करें ? जलने वाले शरीर के हिस्से से सभी कपड़े तुरंत निकाल दें यदि वो ज्यादा ना चिपक गए हों। जलने वाले अंग को तुरंत साफ पानी में डूबा कर रखें या उस पर लगातार पानी डालते रहें -- 15-20 मिनट तक। पेरासीटामोल दवा दर्द निवारक के रूप में बच्चे को दें। जलने वाले अंग को साफ गौज़ से ढकें या सिल्वर नाइट्रेट ओइंटमेंट लगाएँ।
क्या ना करें? बर्फ ना लगाएँ, सिल्वर नाइट्रेट के अलावा कोई अन्य क्रीम या ओइंटमेंट, जले भाग में चिपके कपड़े ना निकालें, फफोले ना फोड़ें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? यदि जला हिस्सा ज्यादा है, सांस की तकलीफ हो रही हो, चहरे या गले के हिस्से जल गए हों, एक से ज्यादा अंग जाले हों।
बच्चा गिर गया है और शायद उसे फ्रेक्चर हो गया है, मै क्या करूँ?
क्या करें ? चोट वाले भाग से कपड़े हटाएँ, यदि सूजन है तो अंग को थोड़ा ऊंचा उठा कर रखे, दर्द निवारण के लिए पेरासीटामॉल दवा का उपयोग करें। कपड़े में लपेट कर बर्फ से सिकाई कर सकते है, न्यूज़ पेपर या मेगज़ीन को फ़ोल्ड करके चोट वाले अंग पर बांध कर उसका हिलना-डुलना बंद करें.
क्या ना करें? चोट वाले अंग को कम-से-कम हिलाएँ, Splint को ज्यादा टाइट ना बाँधें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? यदि दर्द ज्यादा है, चोट वाला अंग पीला पद रहा है या सुन्न पद रहा है।
बच्चा एक दम से निढाल हो गया है या शायद उसे झटके आ रहे हैं, मै क्या करूँ?
झटके या फिट या (Convulsion / Seizures) में बच्चे के पूरे या आधा शरीर झटके लेकर हिलता है। कभी-कभी \बच्चे के मुंह से झाग भी निकालता है और वह आँखें चड़ा लेता है। झटके के समय बच्चा अर्ध-बेहोशी जैसी अवस्था में रहता है। जबकि कभी-कभी ज्यादा खड़े रहने, ज्यादा डरने या दर्द के कारण बच्चा बेहोश हो सकता है जो की झटका या Convulsion से अलग है।
क्या करें? बच्चे को सीधी सतह पर करवट से लिटाएँ। उलटी या मुंह के झाग को कपड़े से साफ करें। सिर को तकिया रख कर बचाएं। चुस्त कपड़े हटा दें। कितने समय तक झटके रहते हैं उसे भी नोट करें। देखें की सांस ठीक से चल रही है। पाँच मिनट से ज्यादा झटके रहने पर डॉक्टर की सलाह से नाक में मिडाज़ोलाम स्प्रे (Intranasal Midazolam) कर सकते हैं।
क्या ना करें? भीड़ ना बड़ाएँ। मुंह में कोई भी कड़ी वस्तु दाँतो के बीच ना लगाएँ। इस समय बच्चे को कुछ भी खाना-पानी ना दें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? झटके 5 मिनट से ज्यादा आयें या बच्चा बेहोश हो गया हो या सांस की तकलीफ हो या बच्चा पूरी तरह से सामान्य ना हो पाया हो, आदि।
मेरा बच्चा ऊंचाई से गिर गया है और उसे सिर में चोट आयी है, मुझे क्या करना चाहिए?
खतरे के लक्षण: बेहोश हो जाना, नाक या कण से खून या साफ पानी का बहना, एक से ज्यादा बार उलटी होना, परवारजनों को ना पहचानना, बहुत ज्यादा रोना, शरीर के किसी अंग को हिलाने में तकलीफ होना, झटके आना, आदि।
क्या करें? बच्चे को चुप कराएं। यदि सिर पर गूमड़ा (bump) बन गया है तो साफ, कोमल कपड़े में बर्फ लपेट कर 10 मिनट के लिए लगाएँ। यदि कोई कट लगा है और खून बह रहा है तो 10 मिनट के लिए साफ, कोमल कपड़े से दबा के रखें। मुंह से पेरासीटामॉल की एक खुराक दे दें। डॉक्टर से मिलें और अगले 48 घंटे तक खतरे के लक्षणों पर नजर रखें।
क्या ना करें? घबराएँ नहीं। बच्चे को जबरदस्ती ज़ोर से ना पकड़ें। दर्द निवारक के रूप में एस्प्रिन दवा का उपयोग ना करें। खतरे के लक्षणों को नजरंदाज ना करें।
डॉक्टर से कब मिलें? खतरे के कोई भी लक्षण दिखने पर।
मेरा बच्चा खाना खा रहा था और अचानक सांस नहीं ले पा रहा है, में क्या करूँ?
जब भी कोई छोटा बच्चा चना, मूँगफली आदि खा रहा हो या छोटी वस्तु जैसे माला के मोती आदि से खेल रहा हो और अचानक से उसे सांस की तकलीफ होने लगे या वह ज़ोर-ज़ोर से खाँसने लगे तो इसका मतलब है खाने का दाना या छोटी वस्तु उसकी सांस की नाली में चली गई है और फंस गई है जिससे उसकी सांस का रास्ता बंद हो रहा है।
क्या करें? यदि बच्चा ज़ोर से खाँस रहा है या रो रहा है उसे ना रोकें। पर यदि बच्चा खाँस नहीं पा रहा है या रो या बोल नहीं पा रहा है तो आपको सहायता करनी पड़ेगी।
बच्चे की सांस की नाली से फंसी हुई वस्तु निकालने के लिए:
· पीठ पर ज़ोर से थपकी मारें या छाती को दबाएँ (फोटो में दिये अनुसार) ।
· बड़े बच्चों में (फोटो में दिये अनुसार / Heimlich Maneuver) उनकी पीठ की तरफ से अपने दोनों हाथ बांध कर उसके पेट के ऊपरी हिस्से को ज़ोर से झटके के साथ दबाएँ। ऐसा कई बार करें।
डॉक्टर से कब मिलें? बच्चा ज़ोर से खाँस या बात नहीं कर पा रहा है, सांस लेने में तकलीफ हो रही है, बेहोश हो रहा है, चेहरा और ओंठ नीले पड़ रहे हों, या कोई भी अन्य परेशानी हो रही हो।
मैंने एक बच्चे को पानी में डूबते हुये देखा, उसके लिए में क्या कर सकती हूँ?
छोटे बच्चों का दुर्घटना से बाल्टी, टब, स्विमिंग पूल, आदि में डूबना हो सकता है। पानी से खेलने वाले छोटे बच्चों पर हमेशा नजर रखनी चाहिए।
पानी में डूबने पर फेफड़ों में पानी भरने से शरीर में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है जिससे शरीर के अंग जैसे दिल / दिमाग /किडनी काम करना बंद कर देते है।
क्या करें? बच्चे को पानी से बाहर निकालें। देखें वह होश में है और सांस ले रहा है की नहीं, यदि नहीं तो तुरंत उसे सांस दें और देखें की हर सांस पर छाती फूल रही हो। यदि बच्चा होश में आ रहा है तो उसे बाएँ करवट में लिटाएँ और जल्दी-से-जल्दी निकटतम अस्पताल के आपातकालीन विभाग में पहुंचाएं।
क्या ना करें? किसी भी प्रकार से बच्चे की छाती से पानी निकालने के चेष्टा ना करें। यदि बच्चा होश में नहीं आया है तो अस्पताल पहुंचने तक सांस देना (CPR) देना बंद ना करें खास तौर से यदि बच्चा ठंडा हो तो।
डॉक्टर से कब मिलें? सांस में तकलीफ, चेहरा और ओंठ नीले पड़ रहे हों, या बच्चा बेहोश हो।
मेरा बच्चा बिजली के बोर्ड के साथ खेल रहा था और शायद उसे बिजली का झटका लगा है। मैं क्या करूँ?
बच्चों को बिजली के तारों या बोर्ड से खेलने पर दुर्घटना में बिजली का करेंट लग सकता है जो या तो उस हिस्से को जला देता है या अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या करें? बिजली की आपूर्ति बंद करें या लकड़ी से बिजली के नंगे तार दूर करें। बच्चे को खतरे वाली जगह से बाहर निकालें। आसपास बिखरे पानी से सावधान रहें। देखें की बच्चा होश में है और ठीक से सांस ले रहा है। यदि नहीं तो तुरंत उसे सांस दें और देखें की हर सांस पर छाती फूल रही हो। अस्पताल पहुंचने तक सांस देना (CPR) देना बंद ना।
सामान्य चमड़ी के जलने पर उसे साफ पानी से ठंडा करके सामान्य साफ पट्टी कर सकते हैं।
क्या ना करें? यदि बच्चा बेहोश है तो अस्पताल पहुंचने तक सांस देना (CPR) देना बंद ना करें। जली चमड़ी पर बर्फ का उपयोग ना करें। बच्चों को बिजली के बोर्ड, उपकरणों या तारों से ना खेलने दें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? किसी भी प्रकार के बिजली के करेंट या जलने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएँ।
मेरे बच्चे को अचानक से ही सारे शरीर पर खुजली के साथ चकते हो गए हैं, मै क्या करूँ?
बच्चों को कुछ खानों से, बाहरी पर्यावरण से या कीड़े के काटने से एलर्जी हो सकती है। नाक और आँख से पानी बहना, चेहरे एवं ओंठो पर सूजन, और सांस की तकलीफ पर नजर रखें।
क्या करें? विचारपूर्वक देखें की बच्चे को किस चीज से एलर्जी है एवं उसे दूर करें। किसी कीड़े का डंक यदि दिखता है तो उसे निकाल दें। कपड़े ढीले करें। चमड़ी के चिक्कतों पर नमी देने वाली क्रीम लगाएँ। उम्र और वजन के हिसाब से कोई एंटी-एलर्जिक दवा दें।
क्या ना करें? हर्बल क्रीम या एंटीबायोटिक क्रीम ना लगाएँ। बच्चे को बहुत ज्यादा खुजली करने से रोकें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? बच्चे के चेहरे या ओंठ पर सूजन है, सांस की तकलीफ हो रही है, या चेहरा और ओंठ नीले पड़ रहे हों।
मेरे बच्चे ने कुछ खा लिया है, मुझे शक है की वह कुछ जहरीला ना हो। मैं क्या करूँ?
क्या करें? देखें की बच्चा होश में है और ठीक से सांस ले रहा है। यदि वह बेहोश है या उसे झटके आ रहे हैं तो उसे बाएँ करवट में लिटाएँ। यदि उसने उल्टी कर दी है तो उसे साफ करके कपड़े बदल दें। अपने हाथ धो लें। अस्पताल जाते समय बच्चे ने क्या खाया है वह चीज लेकर जाएँ।
क्या ना करें? बच्चे को घर पर ही उल्टी करने के लिए प्रेरित ना करें। जल्दी-से-जल्दी अस्पताल जाएँ।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? बच्चा बेहोश है, सांस की तकलीफ है, बच्चा ठीक नहीं दिख रहा है, या जहरीले पदार्थ की संभावना है।
मेरे बच्चे को किसी जानवर ने काट लिया है, अभी मैं क्या करूँ?
बहुत से छोटे बच्चे पालतू या अन्य जानवरों को परेशान कर देते हैं जिससे कभी-कभी जानवर खास कर कुत्ते या बिल्ली पलट कर काट लेते हैं। जानवर के काटने से सबसे बड़ा डर रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी का होता है। हालांकि किसी भी जानवर के काटने पर रेबीज का खतरा 1% से भी कम होता है, पर चूंकि एक बार यह बीमारी होने पर इसका कोई इलाज नहीं होता है, इसीलिए डॉक्टर हर जानवर के काटने पर रेबीज के टीके लगवाने की सलाह देते हैं। यदि कुत्ता या अन्य जानवर रेबीज से ग्रस्त है और उसकी लार में रेबीज के वाइरस आ चुके हैं तो वह 10 दिन से ज्यादा जिंदा नहीं रहता है। इसीलिए यदि जानवर काटने के 10 दिन से ज्यादा जिंदा रहता है तो रेबीज होते की संभावना लगभग शून्य हो जाती है। पर रेबीज का जोखिम होने पर इसके टीके को तुरंत ही लगवाना चालू कर देना चाहिए एवं यदि संभव हो तो जानवर पर नजर भी रखें।
रेबीज के टीके 0,3,7,14 और 28 दिन पर लगते हैं। इसमें 0 मतलब जिस दिन पहला टीका लगा है। यदि जानवर जिंदा है तो आखिर के दो टीके लगवाने की जरूरत नहीं होती है।
जानवर के काटने से दूसरा खतरा घाव के संक्रमण का होता है। जिसे बचाना भी बहुत जरूरी है।
क्या करें? घाव को साफ पानी एवं साबुन से अच्छी तरह से धोएँ (इससे घाव की गंदगी, बेक्टेरिया, एवं वाइरस आदि काफी कम हो जाते हैं), इसके बाद इसे सेनिटाइजर, एंटीसेप्टिक या बीटाडायन से अच्छे से साफ करें, जल्दी-से-जल्दी डॉक्टर से मिलकर रेबीज और टेटनस का टीका लगवाएँ।
क्या ना करें? मुंह से घाव को चूसने की कोशिश ना करें, कितना भी बड़ा घाव हो उसे टांके लगाकर बंद ना करें, घाव को खोद कर उसका खून बहाने की कोशिश ना करें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ? सभी जानवरों के काटने पर डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें।
घर की प्राथमिक चिकित्सा में जरूरी सामान की सूची
Adapted from: Indian Academy of Pediatrics, Guidelines for Parents, First Aid Guidelines 2020-2021